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March 31, 2025 - BY Admin

Worship of Kushmanda Devi on the Fourth Day of Navratri: Significance, Importance, and Rituals

चौथा नवरात्रि कूष्मांडा देवी का दिन होता है, जिनकी पूजा का विशेष महत्व है। कूष्मांडा देवी को जगत की सृष्टि की देवी कहा जाता है। वे सृष्टि की उत्पत्ति, ऊर्जा, और शक्ति का रूप मानी जाती हैं। नवरात्रि के चौथे दिन उनकी पूजा करने से जीवन में शांति, शक्ति, और समृद्धि आती है।

कूष्मांडा देवी का रूप और उनके गुण:

कूष्मांडा देवी का रूप अत्यधिक दिव्य और प्रकट रूप में वर्णित किया जाता है। कूष्मांडा देवी के चार हाथ होते हैं। एक हाथ में वे कमंडल (पानी या अमृत लेने का पात्र) पकड़े हुए हैं, जो जीवन की शुद्धता और दिव्यता का प्रतीक है। दूसरे हाथ में वे धनुष और तीर पकड़े हुए हैं, जो शक्ति और रक्षात्मक स्वरूप का प्रतीक है। तीसरे हाथ में कमल होता है, जो सौंदर्य, शांति और समृद्धि का प्रतीक है, जबकि चौथे हाथ में वे अन्न या पंखा रखती हैं, जो शांति और खुशहाली का प्रतीक है।

कूष्मांडा देवी का मुखमणि (चेहरा) अत्यधिक तेजस्वी और तेजपूर्ण होता है, जो अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए हमेशा मुस्कुराते हुए प्रतीत होता है। वे अपने भक्तों को न केवल भौतिक रूप से, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी शक्ति प्रदान करती हैं।

कूष्मांडा देवी की पूजा का महत्व:

चौथे दिन, कूष्मांडा देवी की पूजा के कई आध्यात्मिक और भौतिक लाभ होते हैं। इनकी पूजा विशेष रूप से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने, स्वास्थ्य में सुधार लाने और समृद्धि की प्राप्ति के लिए की जाती है।

  1. सृष्टि की उत्पत्ति: कूष्मांडा देवी के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने ही इस ब्रह्मांड की सृष्टि की थी। कूष्मांडा का अर्थ "कु" (अल्प), "उष्मा" (ताप) और "आंड़ा" (अंडा) होता है, जिसका मतलब है कि देवी ने अपने तप से इस ब्रह्मांड को उत्पन्न किया, जैसे कि अंडे से जीवन उत्पन्न होता है।

  2. ऊर्जा और शक्ति का स्रोत: कूष्मांडा देवी को ऊर्जा और शक्ति की देवी माना जाता है। वे व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं, जिससे वे अपनी कठिनाइयों को पार कर पाते हैं और मानसिक शांति प्राप्त करते हैं। पूजा से एक प्रकार की आंतरिक शक्ति का वर्धन होता है, जो किसी भी संकट या विघ्न से पार पाने में मदद करती है।

  3. विघ्ननाशक: कूष्मांडा देवी की पूजा से जीवन में आए हुए विघ्न और बाधाएं समाप्त होती हैं। देवी की कृपा से कामकाज में सफलता मिलती है और किसी भी कार्य में रुकावटें दूर होती हैं।

  4. शांति और सुख का वर्धन: कूष्मांडा देवी को शांति और सुख का प्रदाता माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति, पारिवारिक सुख और सामाजिक समृद्धि आती है। घर के वातावरण में सुख-शांति का वास होता है।

  5. समृद्धि और संपत्ति: देवी की पूजा से भौतिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। व्यापारी वर्ग, किसान और सभी लोग देवी की पूजा करके अपने कार्य में सफलता प्राप्त करते हैं। देवी की कृपा से घर में संपत्ति और ऐश्वर्य की वर्षा होती है।

कूष्मांडा देवी का मंत्र:

कूष्मांडा देवी की पूजा के लिए विशेष मंत्र का जाप किया जाता है, जो उनके भक्तों को शक्ति, समृद्धि और सिद्धि प्रदान करता है।

"ॐ कूष्मांडा देवयै नमः"
(Om Kushmanda Devyai Namah)

यह मंत्र कूष्मांडा देवी के आशीर्वाद के लिए एक शक्तिशाली और दिव्य मंत्र है। इसका जाप भक्तों को शांति, शक्ति, और समृद्धि प्रदान करता है। इस मंत्र का जाप दिनभर किया जा सकता है, विशेष रूप से पूजा के समय इसका उच्चारण विशेष रूप से फलदायक होता है।

कूष्मांडा देवी की पूजा विधि:

  1. स्नान और शुद्धता: सबसे पहले, शुद्ध होकर स्नान करें। इसके बाद स्वच्छ और पवित्र स्थान पर बैठकर देवी की पूजा करें।

  2. दीपक और पुष्प अर्पित करें: देवी को लाल या पीले फूल अर्पित करें और दीपक जलाएं। दीपक की ज्योति को देवी की दिव्यता का प्रतीक माना जाता है।

  3. मंत्र जाप: "ॐ कूष्मांडा देवयै नमः" मंत्र का जाप करें। कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

  4. प्रसाद: देवी को मिठाई और फल अर्पित करें। विशेष रूप से, लड्डू और केले का प्रसाद अर्पित करना शुभ माना जाता है।

  5. आरती और भजन: पूजा के बाद देवी की आरती और भजन गाएं। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और देवी की कृपा प्राप्त होती है।

चौथे नवरात्रि की पूजा के लाभ:

  • कूष्मांडा देवी की पूजा से मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।

  • घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

  • कूष्मांडा देवी की कृपा से जीवन में रुकावटें और विघ्न दूर होते हैं।

  • जो लोग मानसिक और शारीरिक कष्टों से जूझ रहे होते हैं, उन्हें राहत मिलती है।

इस प्रकार, चौथे नवरात्रि के दिन कूष्मांडा देवी की पूजा का विशेष महत्व है और यह हर व्यक्ति के जीवन में शक्ति, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति का कारण बनती है।