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April 23, 2025 - BY Admin

एकादशी के दिन स्नान करने के नियम: तन, मन और आत्मा की पवित्रता का रहस्य

 एकादशी के दिन स्नान करने के नियम – सम्पूर्ण मार्गदर्शिका

एकादशी का दिन हिन्दू धर्म में अत्यंत पावन माना गया है। यह तिथि भगवान विष्णु की उपासना का विशेष अवसर होती है। इस दिन व्रत, उपवास, और ध्यान के साथ-साथ स्नान का भी विशेष महत्व है, क्योंकि यह केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक और आत्मिक शुद्धि का माध्यम बनता है।

✨ 1. ब्रह्म मुहूर्त में स्नान का महत्त्व

प्रातः काल, विशेषकर ब्रह्म मुहूर्त (4:00 से 6:00 बजे) में उठकर स्नान करना अत्यंत पुण्यदायक होता है। इस समय किया गया स्नान आत्मा को शुद्ध करता है और प्रभु के ध्यान में सहायता देता है।

🌊 2. पवित्र जल से स्नान करें

यदि संभव हो तो किसी नदी, सरोवर या गंगाजल से स्नान करें। यदि ये उपलब्ध न हो तो स्नान के जल में थोड़ी सी गंगाजल की बूंदें मिलाना भी शुभ होता है। यह स्नान पापों का क्षय करने वाला माना जाता है।

👕 3. वस्त्र और पवित्रता का ध्यान रखें

स्नान के पश्चात स्वच्छ और सात्त्विक रंगों के वस्त्र पहनें – जैसे सफेद, पीला या हल्का हरा। अशुद्ध या बहुत चमकीले वस्त्रों से बचें। वस्त्र जितने सरल होंगे, उतनी ही मन की एकाग्रता बढ़ेगी।

🧘 4. मानसिक और शारीरिक शुद्धि

स्नान से पूर्व और पश्चात कुछ समय के लिए मंत्र जप, ध्यान या प्राणायाम करें। "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करते हुए स्नान करना अत्यंत फलदायी होता है।

🌿 5. तुलसी पूजन करें

स्नान के बाद तुलसी माता की पूजा करना न भूलें। तुलसी में दीपक जलाएं, जल अर्पित करें और "तुलसी स्तुति" करें। यह भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति का उत्तम साधन है।

🥗 6. उपवास और सात्त्विक आहार

एकादशी के दिन उपवास रखकर केवल फल, दूध या सात्त्विक आहार लें। तामसिक और रजसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा आदि का त्याग करें।


🔚 निष्कर्ष

एकादशी के दिन स्नान और उपवास न केवल शरीर को शुद्ध करते हैं, बल्कि आत्मा को भी निर्मल बनाते हैं। यह दिन हमें ध्यान, सेवा और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करता है। यदि इन नियमों का श्रद्धापूर्वक पालन किया जाए, तो जीवन में अवश्य ही सकारात्मक परिवर्तन अनुभव होंगे।

🙏 हरि नाम संकीर्तन करते रहें। श्री हरि की कृपा सदा आपके साथ रहे।